देशभक्त सरकार बनाओ
“डोनाल्ड-ट्रंप” सब ठीक कर रहे , सबसे पहले अपना देश ;
रूस , चीन , जापान आदि सब , देशभक्ति के हैं संदेश ।
विश्व के लगभग सारे नेता , अब्बासी-हिंदू को छोड़कर ;
अपने देश के वफादार हैं , निहित-स्वार्थ को तोड़कर ।
राजनीति का यही है मतलब , अपना देश बने खुशहाल ;
पर भारत में उल्टी-गंगा , देश कर रहे हैं बदहाल ।
लोकतंत्र की हत्या कर दी , लूटतंत्र है चारों ओर ;
बिन रिश्वत कोई काम न होता , हर विभाग में भरे हैं चोर ।
नीचे से लेकर ऊपर तक , भ्रष्टाचार की लहरें हैं ;
भ्रष्टाचार महासागर है , नेता-अफसर जिसमें तैरें हैं ।
अंत में इसमें ही डूबेंगे और पूरा – देश डुबा देंगे ;
अब्बासी – हिंदू नेता का सपना , उसको पूरा कर देंगे ।
अब्बासी – हिंदू का यही है सपना , भारत-वर्ष तोड़ना है ;
प्लाण्ट हुआ है इसीलिये ही , हिंदू – धर्म मिटाना है ।
अब्राहमिक ग्लोबल एजेंडा , डीप-स्टेट इसी को मानो ;
धर्मान्तरित हिंदू को करना, इसका प्रमुख-उद्देश्य है जानो ।
शुरू से ये हिंदू के दुश्मन , मंदिर – मूर्ति हटायेंगे ;
“नूंह” की थ्योरी मानने वाले , तभी कयामत पायेंगे ।
जब हिंदू ! अपना धर्म न जाने, तो मजहब को क्या जानेगा ?
केवल इसी वजह के कारण , हिंदू ! जंग को हारेगा ।
आम-हिंदू की बात छोड़ दो , सेना तक न इसको जाने ;
बड़े-बड़े सेना-अधिकारी , मजहब को बिल्कुल न जानें ।
इसी से हिंदू ! तू हारता आया, छुरा पीठ पर खाता आया ;
हिंदू ! अपना दुश्मन पहचानो,तब जानो विजय-दिवस आया ।
रामायण , गीता , महाभारत , मनोयोग से पढ़ना है ;
हर-पंक्ति का अर्थ समझकर , तब ही आगे बढ़ना है ।
सर्वश्रेष्ठ है धर्म – सनातन , सर्वश्रेष्ठ हैं ग्रंथ हमारे ;
जो भी हिंदू ! इनको भूला , वे ही हैं आफत के मारे ।
ज्यादातर ऐसे ही हिंदू , धर्म से अपने दूर हैं ;
खाया कमाया और अघाया , सच्चाई से बहुत दूर हैं ।
पूरा अभाव है शत्रु-बोध का , शत्रु-मित्र न पहचानें ;
अपने शत्रु को गले लगाते , छुरा पीठ खाते अनजाने ।
सदियों से हिंदू की यही कहानी,बार-बार दोहरायी जाती ;
कितने नरसंहार हुये हिंदू के ? फिर भी अकल नहीं आती ।
जागो हिंदू ! अब तो जागो , धर्म – सनातन में आओ ;
रूस , चीन , अमरीका जैसी , देशभक्त सरकार बनाओ ।