आवश्यकता है “क्षात्र-धर्म” की
ओ हिंदू ! भयभीत न मरना , हथियार छीन आतंकी मारो ;
इसी तरह पूरे भारत में , आतंकवाद हर तरह से मारो ।
आवश्यकता है “क्षात्र-धर्म” की , क्योंकि सेना कमजोर है ;
वणिक-वृत्ति का राजा तेरा , दुश्मन सारे बरजोर हैं ।
क्षत्रिय ! तेरा धर्म यही है , धर्म की रक्षा – देश की रक्षा ;
“मनुस्मृति” आदर्श हमारी , देना है सबको पूर्ण-सुरक्षा ।
सारे क्षत्रिय एकजुट हों , आपस के सब झगड़े छोड़ो ;
धर्म-ध्वजा के नीचे आकर , धर्म-दिशा में भारत मोड़ो ।
एक नया दल बना लो चाहे , भारत के क्षत्रिय-वीरों का ;
और सभी दल क्षत्रिय ! त्यागो , मोल करो तलवारों का ।
जब से क्षत्रिय ने सिंहासन छोड़ा , देश रसातल जाता है ;
हमको है अब देश बचाना , क्षत्रिय ! आगे आता है ।
“भगवान-राम” आदर्श हमारे , शस्त्र हमें धारण करना है ;
राक्षस-राज हटाकर हमको , “राम-राज्य” ले आना है ।
सारे हिंदू ! निर्भय हो जायें , देखो क्षत्रिय ! आता है ;
कमजोरों की पूरी रक्षा , हमको करना आता है ।
जात-पांत का भेद नहीं है , सबसे पहले हम हैं हिंदू ;
चारों-वर्ण अंग भारत के , अब्बासी-हिंदू ही नहीं है हिंदू ।
अब्बासी-हिंदू नेता के पंजों से , हमको धर्म बचाना है ;
धर्म बचाना आवश्यक है , तब ही भारत बच पाना है ।
एक – ध्वजा के नीचे आओ , सारे क्षत्रिय – वीर देश के ;
सारा – भारत चलेगा पीछे , हम हैं रक्षक देश के ।
बहुत-बड़े संकट में भारत , जितना पहले कभी नहीं था ;
रक्षक ही बन गये हैं भक्षक , चोर ही चौकीदार नहीं था ।
कई – सैकड़ा क्षत्रिय – सभायें , अपनी ढफली अपना राग ;
आपस में सारे मिल जाओ , मिलकर छेड़ो देश का राग ।
सारे – क्षत्रिय एक बराबर , कोई ऊंचा नहीं है नीचा ;
सारे मिलकर आतंक मिटाओ , बचे न कोई गली या कूचा ।
देश के दुश्मन छुट्टा घूमें , जाने कितने पाकिस्तान ?
अब्बासी-हिंदू का षड्यंत्र चल रहा , मिटने वाला है हिंदुस्तान ।
हिंदुस्तान का मतलब जानो , ये है हिंदू का स्थान ;
हिंदू के कारण बना है भारत , मानवता का ये स्थान ।
मानवता को बचाना है तो , हिंदू – धर्म बचाना होगा ;
अब्बासी-हिंदू है धर्म का दुश्मन,उसको भारत में हराना होगा ।
अरब – अमेरिका का पिट्ठू है , इसको वहाॅं ही जाना है ;
सारे क्षत्रिय जब करें सुरक्षा , भारत निश्चित बच जाना है ।