संदीप देव । JPC के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने कल संसद में चीख-चीख कर वो कहा जो पिछले कई सालों से मैं कह रहा हूं, लेकिन जिस पर सरकारी हिंदू और सरकारी यूट्रूबर झूठ बोलकर हिंदुओं को लगातार गुमराह करने और मुझे झूठा साबित करने का प्रयास करते हुए अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं!
संसद में कल जगदंबिका पाल ने कहा, कांग्रेस ने जैसे स्वामीनाथन आयोग बनाकर रद्दी में डाल दिया था, उसी तरह सच्चर कमेटी के साथ भी किया था। यह मोदी सरकार है जिसने स्वामीनाथन कमेटी की ही तरह सच्चर कमेटी को लागू किया।
बता दूं कि सच्चर कमेटी हिंदुओं का हक छीनकर केवल मुस्लिमों को देने की योजना है। इस कमेटी को बनाया सोनिया की मनमोहनी सरकार ने था और इसे पूरी तरह से लागू मोदी सरकार ने किया है।
31.03.2019 को भी संसद के अंदर मोदी सरकार ने इसे लागू करने का क्रेडिट लिया था और मैं हमेशा उसी लिखित रिपोर्ट के आधार पर यह हिंदुओं को तब से बता रहा हूं।
यह इसलिए बता रहा हूं कि 2014 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हिंदुओं की आंख में धूल झोंकने के लिए सितंबर- अक्टूबर 2013 में गुजरात की मोदी सरकार सच्चर कमेटी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट गई थी कि कोई योजना केवल मुसलमानों के लिए नहीं हो सकती। यह देश की सेक्यूलर अवधारणा के विरुद्ध है। लेकिन 2014 में सत्ता में आते ही मोदी सरकार ने इसे पूरे देश में लागू करने के लिए कदम उठाना आरंभ कर दिया था।
मेरे जैसे हिंदुओं ने मोदी को वोट जो दिया उसमें एक बड़ा कारण उनका सच्चर कमेटी का विरोध दर्शाना था, लेकिन बाद में सरकार ने हिंदुओं को धोखा दे दिया।
और हां, जब बाद में स्टडी किया तो पाया कि मोदी शुरू से हिंदुओं से झूठ बोल रहे हैं, क्योंकि देश में सबसे बेहतरीन ढंग से सच्चर कमेटी यदि किसी राज्य में लागू हुआ तो वह मुख्यमंत्री रहते मोदी ने गुजरात में लागू किया था और यह मैं नहीं, सच्चर कमेटी की इंप्लीमेंटेशन को जांचने के लिए गठित कुंडू कमेटी ने कहा था।
एक उदाहरण से समझाता हूं। सच्चर कमेटी की संस्तुति थी कि मुस्लिम इलाके में मुस्लिम पुलिसकर्मियों की बहाली की जाए। कुंडू कमेटी की रिपोर्ट दर्शाती है कि इसे केवल गुजरात की मोदी सरकार ने लागू किया। अन्य कांग्रेस आदि की राज्य सरकारों ने भी इसे लागू नहीं किया था। मोदी की गुजरात सरकार ने मुस्लिम इलाके में जनसंख्या अनुपात से अधिक मुस्लिम पुलिसकर्मियों की बहाली की थी।
बाद में टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी एक RTI लगाकर इस खबर को सही पाया था और इसे पब्लिश किया था। मुस्लिम बहुल इलाके में यदि दंगा हुआ तो वह मुस्लिम पुलिसकर्मी किसका पक्ष लेगा? हिंदू केवल यह सोचकर देखे तो अपने आप जवाब मिल जाएगा।
वर्तमान मोदी सरकार ने मुस्लिम इलाके में मुस्लिम पुलिसकर्मियों की बहाली पूरे देश में लागू कर दिया है, वह भी सच्चर कमेटी और सोनिया गांधी की सांप्रदायिकता हिंसा विधेयक के प्रावधानों के अनुसार। न विश्वास हो तो वर्तमान सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय के 2019-20 के वार्षिक रिपोर्ट को उठा कर पढ़ लो।
यह रिपोर्ट मैंने सभी सरकारी यूट्रूबरों को भेजा था कि इसे दिखा कर सरकार पर इसे पलटने का दबाव बनाओ, अन्यथा हिंदुओं का बड़ा नुकसान होगा। परंतु सभी ने सरकार से सांठगांठ कर या अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में इसे दबाकर हिंदुओं को अंधेरे में रखने का ही काम किया है।
यही नहीं, India Speak Daily पर दो दिन पहले राजीव साह के साथ शो में हमने कहा था कि सच्चर कमेटी के बचे रिकमंडेशन को लागू करने के लिए ही यह वक्फ संशोधन बिल लाया गया है।
वीडियो का लिंक टिप्पणी में है। सुनिए कि जगदंबिका पाल ने साफ-साफ कहा कि सच्चर कमेटी की रिकमेंडेशन को ही वक्फ संशोधन में शामिल किया जा रहा है ताकि पसमांदा मुसलमानों का भला हो!
हमारी पत्रकारिता सदा से तथ्यगत रही है। अब वह हिंदू द्रोही और देशद्रोही पार्टीबाज हिंदुओं को पसंद न आए तो इसमें मेरा क्या दोष? सच, सच ही रहता है और आज सरकार भी संसद में वही कह रही है, जिसे मैं लगातार कहता रहा हूं, लेकिन मानसिक खतना कर चुके सरकारी लाभार्थी हिंदुओं और यूट्यूबरों को इसे सुनना ही नहीं है, तो वह नहीं सुनेंगे।
इससे नुकसान हिंदू समाज का हो रहा है और यह जब पता चलेगा, तब तक बहुत देर हो चुकी होगी! बचना है तो पढ़ना सीखो! सरकार की सारी रिपोर्ट उसके मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है। जय सनातन! जय भारत!