अवधेश कुमार मिश्र। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को मिली ऐतिहासिक जीत में RSS का भी सहयोग था! उस चुनाव में राजीव गांधी ने आरएसएस से सहयोग मांगा था और आरएसएस ने सहयोग किया भी था! तत्कालीन संघ प्रमुख और राजीव गांधी के बीच गुप्त बैठक का खुलासा, भारतीय राजनीतिक के इतिहास में पहली बार हुआ है! यह खुलासा Rasheed Kidwai की book24 Akbar Road: A Short History Of The People Behind The Fall And Rise Of The Congress में हुआ है।
मुख्य बिंदु
* 1984 के लोकसभा में राजीव गांधी को मिली ऐतिहासिक जीत में आरएसएस ने किया था सहयोग
* राशिद किदवई ने अपनी किताब 24 Akbar Road: A Short History Of The People Behind The Fall And Rise Of The Congress में किया है खुलासा
1984 में हुआ लोकसभा चुनाव एक ऐसा चुनाव था भारतीय चुनाव इतिहास में सीट के हिसाब से कांग्रेस को सबसे बड़ी जीत मिली थी। 523 सीटों के लिए हुए चुनाव में राजीव के नेतृत्व में अकेले कांग्रेस को 415 सीटें मिली थीं। लेकिन यह जीत कांग्रेस अपने दम पर हांसिल नहीं कर पाई थी। राशिद किदवई की किताब ‘ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ द पीपुल बिहाइंड द फॉल एंड द राइज ऑफ द कांग्रेस’ के अनुसार कांग्रेस को इतनी बड़ी सफलता संघ की मदद से मिली थी!
ऐसे समय में जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बार-बार संघ को सांप्रदायिक कह कर उस पर हमला करते हैं, तो उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके पिता राजीव गांधी ने फिर संघ से मदद क्यों मांगी थी? वैसे भी राशिद किदवई लंबे समय तक कांग्रेस कवर करने वाले और कांग्रेस पार्टी के बेहद करीबी पत्रकारों में से एक हैं! राशिद किदवई इससे पूर्व 2011 में सोनिया गांधी की जीवनी- Sonia: A Biography भी लिख चुके हैं। इसलिए राहुल गांधी यह आरोप भी नहीं लगा सकते कि संघ या भाजपा उनके पिता को बदनाम कर रही है।
इस खुलासे के बाद राहुल गांधी को साफ करना होगा कि जिस संघ से उनके पिता ने पर्दे के पीछे से मदद मांगी थी, उसे वह बार-बार बदनाम करने की कोशिश आखिर किस आधार पर करते रहे हैं? इस खुलासे से सोनिया गांधी और राहुल गांधी की अवसरवादी, तुष्टिकरणवादी और झूठ पर आधारित राजनीति पूरे देश के सामने आ गयी है!

हैचेट इंडिया (Hachette India) से प्रकाशित किताब के मुताबिक राजीव गांधी को RSS द्वारा मदद करने की बात का खुलासा पहली बार साल 2007 में तब हुआ जब कांग्रेस के ही नागपुर से तबके सांसद बनवारीलाल पुरोहित ने स्वीकार किया कि उन्होंने ही राजीव गांधी और तत्कालीन सरसंघ चालक बालासाहेब देवरस की गुप्त बैठक कराई थी! उन्होंने कहा था कि एक बार राजीव गांधी ने देवरस जी के बारे में पूछा था कि वो कैसे व्यक्ति हैं? उनके साथ बातचीत की जा सकती है कि नहीं?
पुरोहित ने बालासाहेब देवरस के बारे में बताते हुए कहा कि उनके साथ बैठक करने में कोई हर्ज नहीं है। तब राजीव गांधी और देवरस की बैठक पर कांग्रेस में भी किसी ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं की थी। हां ये बात अलग है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने यह बात कभी नहीं मानी कि राजीव गांधी और देवरस के बीच में कोई गुप्त बैठक हुई थी।
बनवारीलाल पुरोहित ने ही बताया कि कैसे राजीव गांधी ने रामजन्मभूमि के शिलान्यास की इजाजत देने के बदले कांग्रेस का समर्थन करने को लेकर RSS की हामी पर हमारी जानकारी जाननी चाही थी! किताब में दावा किया गया है कि चुनाव में गैर-भाजपा पार्टी के सहयोग करने पर RSS को कोई विरोध नहीं था!
बाद में 1984 में 24 और 27 दिसंबर को लोकसभा चुनाव कराने का फैसला लिया गया। राजीव गांधी ने महज 25 दिनों के अपने चुनावी दौरे के तहत 50 हजार किलोमीटर से भी अधिक की यात्रा की। किताब में लिखा है,’राजीव गांधी का चुनाव प्रचार सिखों के लिए अलग राज्य बनाने के मुद्दे पर केंद्रित था। इसके पीछे छिपा एजेंडा हिंदू समुदाय में बढ़ रहे असुरक्षा की भावना का फायदा उठाना और राजीव गांधी के नेतृत्व वाले कांग्रेस को उनके एकमात्र रक्षक के तौर पर पेश करना था।’ इसी चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने बालासाहेब देवरस के साथ गुप्त बैठक करने का निर्णय लिया। किदवई के मुताबिक,’राजीव गांधी और बालासाहेब देवरस के बीच एक सिक्रेट मीटिंग हुई। जिसके नतीजे के रूप में आरएसएस कैडर ने राजनीतिक परिदृश्य में बीजेपी की मौजूदगी के बावजूद 1984 के चुनाव में कांग्रेस को समर्थन दिया। हालांकि कांग्रेस के प्रधानमंत्री उम्मीदवार राजीव गांधी और बालासाहेब देवरस के बीच किसी भी प्रकार के गठबंधन होने की बात को भाजपा ने कभी स्वीकार नहीं किया!
अगर उस चुनाव में आरएसएस ने राजीव गांधी की पराकांतर से मदद नहीं की होती तो कांग्रेस को वह ऐतिहासिक जीत नहीं मिली पाती जो कभी जवाहरलाल नेहरू और इंदिरागांधी को भी हासिल नहीं हो पाई। उस चुनाव में राजीव गांधी ने 523 लोकसभा सीटों में से 415 पर जीत हासिल कर इतिहास रच दिया था।
URL: RSS helped rajiv gandhi to make prime minister in 1984 lok sabha election
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