भारत बिना युद्ध के हारा
“सबवर्जन” चल रहा देश में , भारत बिना युद्ध के हारा ;
बस थोड़ा ही समय शेष है , हिंदू ! अपना सब कुछ हारा ।
षड्यंत्र भयानक डीप-स्टेट का,मिटने वाले को पता न चलता ;
अपने सबसे बड़े शत्रु को , अपना हृदय-सम्राट बनाता ।
ए सी वाई पी एल की ट्रेनिंग , सी आई ए दिलवाता है ;
डीप-स्टेट है इसके पीछे , पूरी-दुनिया को नचाता है ।
अब्बासी-हिंदू नेता कठपुतली , डीप-स्टेट ही नचा रहा ;
अरब देश भी इसी के साथी , पुरस्कार को दिला रहा ।
बिना लड़े ये युद्ध जीतते , शत्रु-देश को करें खोखला ;
चरित्रभ्रष्ट कर देते सबका , यही काम है उनका पहला ।
लगभग पन्द्रह-साल के भीतर , चरित्रहीन हो जाता देश ;
धर्म – संस्कृति अपनी भूले , पूर्ण – सेक्युलर होता देश ।
गंदे , पापी , चरित्रहीन ही , पूरी तरह सेक्युलर होते ;
ये ही भ्रष्टाचार बढ़ाते , अब्बासी – हिंदू नेता ये होते ।
अब्बासी – हिंदू भारत का नेता , सेना कमजोर कराता है ;
पौराणिक-मंदिर तोड़-तोड़कर , गलियारे गंदे बनवाता है ।
प्रेस – मीडिया – अखबारों को , निष्पक्ष नहीं रहने देता ;
साम – दाम व दंड – भेद से , सभी जगह कब्जा करता ।
यही हो रहा है भारत में , हर – संस्थान को तोड़ दिया ;
गंदे-कानूनों को बना-बनाकर , हिंदू-परिवारों को तोड़ दिया ।
पति-पत्नी का अटूट-बंधन , चरित्रहीनता होने न देता ;
इसीलिये अब्बासी – हिंदू , हिंदू – परिवार न बचने देता ।
व्यभिचार बनाया कानूनसम्मत , समलैंगिकता को पूरी छूट ;
तिलक-त्रिपुण्ड का झांसा देकर , हिंदू को रहा सदा से लूट ।
हिंदू की आस्था तोड़ रहा है , लगातार कर रहा है चोट ;
राम-मंदिर तक भ्रष्ट कर दिया,इसके मन में है कितना खोट ?
भ्रष्टाचार में डूबा भारत , चरित्रहीनता हर जगह है हावी ;
कुछ दिन और रहा ये नेता , भारत-विनाश अवश्यसम्भावी ।
हिंदू ! अपना-धर्म बचा लो , अपना भारतवर्ष बचा लो ;
अज्ञान,स्वार्थ,भय,लालच छोड़ो व अच्छी-सरकार बना लो ।
“सबवर्जन” का मतलब जानो, अब्बासी-हिंदू नेता पहचानो ;
भारत – वर्ष नष्ट करने की , इसकी पूरी योजना जानो ।
सबको ब्लैकमेल ये करता , जैसा ये खुद होता है ;
आतंकित कर रखा सभी को , कानून को ठेंगे पर रखता है ।
करो या मरो की बेला आयी, हिंदू ! अंतिम-संघर्ष करो ;
धर्म – सनातन की शक्ति से , डीप – स्टेट को नष्ट करो ।