श्वेता पुरोहित। भविष्य संकेत: 12 मई – 7 जून 2025
मंगल का अश्लेषा नक्षत्र में गोचर — अदृश्य शक्तियों का समय
12 मई से 7 जून तक, तेजस्वी ग्रह मंगल अश्लेषा नक्षत्र में गोचर करेगा, जहाँ यह नीच स्थिति में माना जाता है। यह गोचर अंदरूनी और छुपी हुई शक्तियों को सक्रिय कर सकता है, जो सतह के नीचे गहराई से काम करती हैं।
अश्लेषा, बुध ग्रह के अधीन है और इसका देवता नाग (सर्प देवता) हैं। यह नक्षत्र निम्न विषयों से जुड़ा होता है:

धोखा, मानसिक खेल और चालाकी
झूठ, फरेब और गुप्त योजनाएँ
सर्प, विष, रसायन और गैसें
तंत्र, सम्मोहन और रहस्यमय क्रियाएँ
कठोर वाणी और वाणी का ज़हर
प्रसिद्ध अश्लेषा जातक:
महात्मा गांधी की चंद्रमा अश्लेषा में थी
श्रीदेवी, जिनका लग्न अश्लेषा था, ने दो नागिन फिल्मों में नागिन की भूमिका निभाई थी
इस गोचर के दौरान क्या हो सकता है:
जब मंगल इस संवेदनशील नक्षत्र में गोचर करेगा, तब वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर गुप्त हलचलें तेज़ हो सकती हैं। गुप्त सौदे, छिपे मिशन, या सैन्य रणनीतियाँ सक्रिय हो सकती हैं — विशेष रूप से भारत के लिए चीन, नेपाल, बांग्लादेश या तिब्बत के संदर्भ में यह महत्वपूर्ण हो सकता है।
भ्रामक जानकारी, झूठी खबरें और मानसिक युद्ध से सावधान रहें।
रसायनों, गैसों या विषाक्त घटनाओं की आशंका हो सकती है।
भारत में, दुश्मन संचालित स्लीपर सेल या गैरकानूनी रोहिंग्या तत्व सक्रिय हो सकते हैं, जिससे देश की शांति में विघ्न पड़ सकता है। आस्तीन में छुपे साँप बाहर निकलेंगे।
यह समय सतर्क, स्थिर और विवेकशील रहने का है। इस गोचर के असली परिणाम समय के साथ सामने आ सकते हैं — जब छुपा हुआ उजागर होगा।