कोरी धमकी इसे न समझो
नेता – अफसर – न्यायाधीश और साथ ही हिंदू – बाबा ;
इक्का – दुक्का बचे हों शायद , पूरा बिगड़ चुका है आबा ।
“सबवर्जन” चल रहा देश में,अस्सी-प्रतिशत के लगभग पूरा ;
बस थोड़ा ही समय शेष है , होगा गुलाम ये भारत पूरा ।
सेना भी कमजोर बहुत है , अग्निवीर की ट्रेनिंग कूड़ा ;
अत्याधुनिक-हथियार से वंचित , गर्क हो गया पूरा बेड़ा ।
आतंकवाद हो चुका है हावी , सैनिक ज्यादा मरते हैं ;
शहीद का दर्जा सब न पाते , कुर्बानी व्यर्थ ही करते हैं ।
राजनीति “सबवर्ट” हो चुकी , पूरी तरह से गंदी है ;
अर्थव्यवस्था पूरी चौपट , तेजी से आती मंदी है ।
देशभक्ति को भुला दिया है , चरित्रहीनता की हद पार ;
सभी जगह गद्दार भरे हैं , शत्रु – देश से जिनको प्यार ।
पुरस्कार जिनसे पाते हैं , उनके आगे पूंछ हिलाते ;
जीवन के अध्याय हैं काले , ब्लैकमेल हर तरह से होते ।
भारत भुगत रहा खामियाजा , ऐसे गंदे – नेता चुनकर ;
नहीं हटा सकते अब उनको,चुनाव आयोग बन गया है नौकर ।
जनादेश पूरा अपमानित , हाथ मल रहा है मतदाता ;
न्यायपालिका न्याय से वंचित , “जस्टिस-लोया” प्राण गंवाता ।
देशभक्त चुन-चुन कर मरते , दुर्घटना बतलायी जाती ;
“जनरल-रावत” थे वीर-शिरोमणि , दुर्घटना करवायी जाती ।
धर्महीन – अज्ञानी हिंदू , इस सबसे अनजान है ;
पढ़े – लिखे तक महामूर्ख हैं , मुफ्त में देते जान हैं ।
जागो हिंदू ! अब तो जागो , अपना धर्म व देश बचाओ ;
सब के सब मैदान में आओ व अच्छी-सरकार बनाओ ।
अमेरिका में बदली सत्ता , “म्लेच्छशत्रु” सत्ता में आया ;
इस मौके का लाभ उठाओ , अब्बासी – हिंदू नेता घबराया ।
धीरे – धीरे भेद खुल रहे , काले – अध्याय सामने होंगे ;
चोट करो कि गर्म है लोहा , मनचाहे आकार मिलेंगे ।
हिंदू ! शुद्ध करो बुद्धि को , अपने-धर्म में वापस आओ ;
निश्चय ही विजय मिलेगी तुमको , शत्रु-बोध को पूर्ण जगाओ ।
“सबवर्जन” की चाल तेज है , इसको पूरी तरह पछाड़ो ;
चरित्र का ही हथियार है ऐसा , हर-मोर्चे पर शत्रु पछाड़ो ।
चरित्रहीन – नेता को त्यागो , चरित्रवान को लाना होगा ;
वरना वो दिन दूर नहीं है , हिंदू ! तुझको मिट जाना होगा ।
कोरी धमकी इसे न समझो , हर हाल में ये निश्चित होगा ;
अब भी यदि हिंदू न जागा , तो नरसंहार भयानक होगा ।